सुप्रीम कोर्ट के आदेश से निराशा : जकिया जाफरी
अहमदाबाद,12 सितंबर(भाषा)। वर्ष 2002 गुलबर्ग सोसायटी दंगे मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर निराशा जताते हुए इस घटना में जान गंवाने वाले पूर्व कांग्रेसी सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने मायूसी जताते हुए कहा कि असली अपराधी अब भी छुट्टे घूम रहे हैं।
गुलबर्ग हाउसिंग सोसायटी नरसंहार में एहसान जाफरी को जिंदा जला दिया गया था। जकिया ने सूरत में अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे अब भी सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है, लेकिन ऐसा लगता है कि कुछ कमी रह गई।’ उन्होंने कहा, ‘इस घटना को हुए करीब 10 साल हो गए। लोग गिरफ्तार हुए और उनके खिलाफ सुनवाई जारी है। बहरहाल, इन दंगों के पीछे के असली अपराधी अब भी छुट्टे घूम रहे हैं।’
सुप्रीम कोर्ट ने 2002 दंगों के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित निष्क्रियता पर कोई आदेश देने से आज इनकार कर दिया और फैसले के लिए इस मामले को अहमदाबाद के संबंधित मजिस्ट्रेट को भेज दिया। जकिया ने कहा, ‘मैं लंबी लड़ाई के लिए तैयार हूं।’
जकिया ने इस संबंध में मोदी और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी जिसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी को जांच करने के लिए कहा था। इस मामले की अंतिम सुनवाई न्यायाधीश बी जे धांडा की नेतृत्व वाली विशेष अदालत में जारी है।